UPPSC APO Recruitment 2022 : यूपी एपीओ परीक्षा कुल 44 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की गई थी। इनमें से 44 में से 36 पद आरक्षित किए गए हैं. ओबीसी के लिए 21, एससी के लिए 8, एसटी के लिए 3 और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 पद आरक्षित हैं। इसके अलावा महिलाओं को 20 प्रतिशत हॉरिजॉन्टल रिजर्वेशन भी दिया जाना है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित सहायक अभियोजन अधिकारी (सहायक अभियोजन अधिकारी) भर्ती का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. एपीओ की भर्ती परीक्षा में 80 फीसदी सीटों के आरक्षण के विरोध में उम्मीदवार विनय कुमार पांडे ने हाईकोर्ट से मदद मांगी, जिसके जवाब में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब यूपी सरकार से जवाब मांगा है.
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UPPSC APO Recruitment 2022 : हाईकोर्ट ने माँगा जवाब
यूपी सरकार को दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है. हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है कि किन परिस्थितियों में 80 फीसदी सीटें आरक्षित की गई हैं. बता दें कि यूपी एपीओ परीक्षा 44 पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की गई थी. इन 44 में से 36 पद विभिन्न जाति श्रेणियों के लिए आरक्षित किए गए हैं। ओबीसी के लिए 21, एससी के लिए 8, एसटी के लिए 3 और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 पद आरक्षित थे। इसके अलावा महिलाओं को 20 प्रतिशत हॉरिजॉन्टल रिजर्वेशन भी दिया जाना है।
इस तरह 44 पदों की भर्ती में 80 प्रतिशत से अधिक पद आरक्षित थे. नियमानुसार किसी भी भर्ती में 50 प्रतिशत से अधिक पद आरक्षित नहीं किए जा सकते हैं। इस पर अब राज्य सरकार से 2 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा गया है.
UPPSC APO Prelims Exam 21 अगस्त को लखनऊ और प्रयागराज में आयोजित की गई थी। 44 पदों पर भर्ती के लिए 63 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. मनमाने ढंग से आरक्षण दिए जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। सुनवाई न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पंवार की एकल पीठ में हुई। मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।